कैसे अमेरिका ने चीन को क्रिप्टो की दौड़ में पछाड़ा: बिटकॉइन का $1 लाख का माइलस्टोन और डोनाल्ड ट्रंप का प्रभाव
बिटकॉइन ने हाल ही में $1 लाख का माइलस्टोन पार किया है, जो क्रिप्टोकरेंसी जगत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हालांकि यह केवल मूल्य का सवाल नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि क्रिप्टो बाजार में अमेरिका ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस लेख में हम समझेंगे कि कैसे अमेरिका ने यह बढ़त हासिल की और डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां इसमें कितनी अहम भूमिका निभा सकती हैं।
बिटकॉइन: शुरुआत से अब तक का सफर
बिटकॉइन की शुरुआत 2008 में सतोषी नाकामोटो द्वारा की गई थी। 2010 में पहला बिटकॉइन ट्रांजेक्शन हुआ। धीरे-धीरे यह डिजिटल करेंसी लोकप्रिय होती गई। 2021 में जब अमेरिका ने पहला बिटकॉइन फ्यूचर-आधारित ईटीएफ (ETF) लॉन्च किया, तब क्रिप्टो में इन्वेस्टर्स का विश्वास और गहरा हो गया।
हालांकि, 2022 में FTX जैसी बड़ी क्रिप्टो कंपनियों के क्रैश ने बाजार को हिला दिया। इसके बाद, हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के साथ बिटकॉइन में फिर से उछाल देखा गया, जिससे यह $1 लाख के स्तर को पार कर गया।
- Read more: click her
कैसे चीन ने खोया अपना क्रिप्टो दबदबा?
एक समय था जब चीन बिटकॉइन माइनिंग का केंद्र था। 2017 में, 70% से अधिक बिटकॉइन माइनिंग चीन में होती थी।
- 2017: चीन ने इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ICO) और लोकल क्रिप्टो एक्सचेंज पर प्रतिबंध लगा दिया।
- 2021: बीजिंग ने बिटकॉइन माइनिंग को अवैध घोषित कर दिया, जिससे क्रिप्टो माइनिंग हब दूसरे देशों, विशेष रूप से अमेरिका, में शिफ्ट हो गया।
- कारण: चीन ने यह कदम ऊर्जा की अधिक खपत, पर्यावरणीय लक्ष्यों और अपनी खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को बढ़ावा देने के लिए उठाया।
अमेरिका का क्रिप्टो में वर्चस्व कैसे बढ़ा?
अमेरिका ने कुछ प्रमुख कदम उठाए, जिससे वह क्रिप्टो का नया केंद्र बन गया:
- लचीले नियम: अमेरिकी सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगाए, जिससे इनोवेशन और निवेश को बढ़ावा मिला।
- ईटीएफ का लॉन्च: बिटकॉइन ईटीएफ ने पारंपरिक निवेशकों को क्रिप्टो में निवेश करने का आसान तरीका दिया।
- उच्च तकनीकी प्रतिभा: अमेरिका में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, एनएफटी, और डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) में नवाचार तेजी से हो रहा है।
- डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन: डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां, जैसे एसईसी (SEC) के लिए पॉल एटकिंस का नॉमिनेशन, क्रिप्टो फ्रेंडली मानी जा रही हैं।
- Read more: click her
डोनाल्ड ट्रंप और बिटकॉइन का भविष्य
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से बिटकॉइन में तेजी देखी गई है। पॉल एटकिंस, जो क्रिप्टो के समर्थक माने जाते हैं, को SEC का चेयरमैन बनाया जा सकता है। यह कदम क्रिप्टो बाजार के लिए बड़े सुधार और विकास का संकेत है।
भारत की स्थिति: क्या बदलाव संभव है?
भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और भारी टैक्स लगाकर इसे हतोत्साहित कर रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत क्रिप्टो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल स्मार्ट रूल्स और पॉलिसीज के साथ करे, तो यह देश के डिजिटल इनोवेशन को बढ़ावा दे सकता है।
निष्कर्ष
बिटकॉइन का $1 लाख का माइलस्टोन न केवल क्रिप्टो बाजार की शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे अमेरिका ने चीन को इस दौड़ में पछाड़ दिया। डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन और अमेरिकी इनोवेशन कल्चर ने इसे संभव बनाया।
जब तक भारत इस क्षेत्र में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करता, क्रिप्टो का असली फायदा वैश्विक बाजारों तक ही सीमित रहेगा।