55वीं जीएसटी परिषद बैठक की मुख्य बातें और भारत की अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को समझना
हाल ही में आयोजित 55वीं जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण कर-संबंधी मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य भारत की कराधान प्रणाली को सुव्यवस्थित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह लेख बैठक से प्राप्त मुख्य निष्कर्षों और व्यवसायों तथा उपभोक्ताओं के लिए उनके निहितार्थों पर प्रकाश डालता है।
55वीं जीएसटी परिषद बैठक की प्रमुख घोषणाएं
1. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जीएसटी
परिषद ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को नाममात्र 5% पर रखने के अपने निर्णय की पुष्टि की। यह कदम भारत की हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। कर में कमी से देश भर में ईवी को अपनाने में तेजी आने की उम्मीद है।
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2. सेकेंड हैंड वाहनों पर कर
उपभोक्ता हितैषी निर्णय में, जीएसटी परिषद ने सेकेंड-हैंड वाहनों के व्यक्तिगत लेन-देन को जीएसटी से छूट दे दी है। हालांकि, प्री-ओन्ड वाहनों में काम करने वाले व्यवसाय 18% जीएसटी का भुगतान करना जारी रखेंगे। इस विभेदन का उद्देश्य व्यक्तिगत स्वामित्व विनिमय को प्रोत्साहित करते हुए निष्पक्ष कराधान सुनिश्चित करना है।
3. पैकेज्ड फूड और स्नैक्स पर जीएसटी
पैकेज्ड और फ्लेवर्ड पॉपकॉर्न के साथ-साथ कुछ अन्य स्नैक्स पर भी 12% से 18% के बीच जीएसटी की उच्च दरें लागू होंगी। यह निर्णय उपभोक्ताओं और निर्माताओं के हितों के बीच संतुलन बनाते हुए राजस्व सृजन को संबोधित करता है।
4. बैंक जुर्माना शुल्क पर जीएसटी हटाना
परिषद ने बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले जुर्माने को जीएसटी से छूट देने का फैसला किया। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि उन पर वित्तीय जुर्माने पर अतिरिक्त कर का बोझ नहीं पड़ेगा।
5. आपदा उपकर पर चर्चा
परिषद ने आपदा प्रभावित राज्यों के लिए आपदा उपकर लगाने पर विचार-विमर्श किया। हालांकि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन इस पहल से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने वाले राज्यों को वित्तीय सहायता मिल सकती है।
6. स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी
परिषद ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को कम करने या हटाने की मांग को स्वीकार किया। हालांकि मामला अभी तक सुलझा नहीं है, लेकिन परिषद की स्वीकृति भविष्य की बैठकों में संभावित बदलावों का संकेत देती है।
7. एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) जीएसटी के दायरे में
विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के अंतर्गत शामिल करने पर चर्चा हुई। यदि यह कदम लागू होता है, तो विमानन ईंधन पर करों को मानकीकृत किया जा सकता है, जिससे एयरलाइन उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।
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जीएसटी परिषद के निर्णयों के निहितार्थ
1. सतत विकास को बढ़ावा
इलेक्ट्रिक वाहनों पर कम जीएसटी दर बनाए रखने का निर्णय उनके अपनाने को प्रोत्साहित करता है, जिससे भारत के सतत विकास लक्ष्यों में योगदान मिलता है और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होती है।
2. छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए आसानी
व्यक्तिगत सेकेंड-हैंड वाहन लेनदेन और बैंक जुर्माना शुल्क को जीएसटी से छूट देने से व्यक्तिगत उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।
3. राजस्व सृजन और राजकोषीय स्थिरता
पैकेज्ड स्नैक्स और अन्य वस्तुओं पर संशोधित जीएसटी दरें सरकार के लिए राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करती हैं, जिससे राजकोषीय स्थिरता में सहायता मिलती है।
4. स्वास्थ्य बीमा के लिए भविष्य की संभावनाएं
बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में संभावित कटौती से आवश्यक स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियां अधिक किफायती हो सकती हैं, जिससे वित्तीय समावेशन में सुधार हो सकता है।
निष्कर्ष
जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक आर्थिक विकास को उपभोक्ता कल्याण के साथ संतुलित करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। परिषद ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन आपदा उपकर, स्वास्थ्य बीमा जीएसटी और एटीएफ कराधान पर चल रही चर्चाओं से संकेत मिलता है कि भविष्य की बैठकें भारत के आर्थिक परिदृश्य को आकार देना जारी रखेंगी।