इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025: भारत में विदेशी नागरिकों की एंट्री पर सख्ती
भारत सरकार जल्द ही इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 लेकर आ रही है, जिससे देश में विदेशी नागरिकों (foreigners) के प्रवेश और प्रवास को कड़ा नियंत्रण मिलेगा। यह बिल भारतीय संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण (10 मार्च 2025 के बाद) में पेश किया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवासियों (illegal immigrants) को नियंत्रित करना और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) को मजबूत करना है।
पुराने कानून होंगे समाप्त
यह नया बिल ब्रिटिश काल और स्वतंत्र भारत में बने चार पुराने कानूनों को समाप्त करेगा:
- पासपोर्ट (एंट्री इन इंडिया) एक्ट, 1920
- रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट, 1939
- फॉरेनर्स एक्ट, 1946
- इमिग्रेशन कैरियर्स लायबिलिटी एक्ट, 2000
इन कानूनों के स्थान पर एक एकल व्यापक कानून (comprehensive law) लाया जाएगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रवास (immigration) को नियंत्रित करना आसान होगा।
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बिल की मुख्य बातें
- विदेशियों की एंट्री पर प्रतिबंध: यदि कोई व्यक्ति भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित होता है, तो सरकार उसे देश में प्रवेश करने से रोक सकती है।
- शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी: भारत में पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों का डेटा संबंधित विश्वविद्यालयों को इमिग्रेशन अधिकारियों को देना होगा।
- अस्पतालों की जिम्मेदारी: मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आने वाले विदेशी नागरिकों और उनके अटेंडेंट्स का पूरा रिकॉर्ड अस्पतालों को सरकार को देना होगा।
- मूवमेंट पर प्रतिबंध: सरकार को यह अधिकार होगा कि वह किसी भी विदेशी नागरिक की यात्रा को नियंत्रित कर सके।
- बायोमेट्रिक डेटा अनिवार्य: सरकार विदेशी नागरिकों के फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और अन्य बायोमेट्रिक डेटा लेने का अधिकार रखेगी।
- एयरलाइंस की जिम्मेदारी: यदि कोई विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारत में आता है, तो जिस एयरलाइन से वह आया है, उसी को उसे वापस ले जाना होगा।
सख्त सजा और जुर्माना
- बिना वीजा या पासपोर्ट के भारत में प्रवेश करने पर 5 साल की जेल और ₹10 लाख का जुर्माना।
- नकली वीजा या पासपोर्ट के इस्तेमाल पर 2 से 7 साल की सजा और ₹1 लाख से अधिक का जुर्माना।
- वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने पर 3 साल की जेल और ₹5 लाख तक का फाइन।
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राज्यों की भूमिका
राज्यों की पुलिस को यह अधिकार होगा कि वे अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाल सकें। इसके लिए सभी राज्यों को दो कमेटियां बनाने के निर्देश दिए गए हैं:
- 2011 से पहले आए अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए
- आधार कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेजों के दुरुपयोग को रोकने के लिए
इसके अलावा, सरकार फॉरेनर्स आइडेंटिफिकेशन पोर्टल भी लॉन्च कर रही है, जिसमें अवैध प्रवासियों की जानकारी दर्ज की जाएगी।
क्या इस बिल से भारत की सुरक्षा मजबूत होगी?
इस बिल के लागू होने के बाद, भारत की इमिग्रेशन प्रणाली (immigration system) अधिक प्रभावी और संगठित होगी। साथ ही, आतंकी घुसपैठ, फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत में घुसने और अवैध प्रवासियों द्वारा अपराध करने जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी।
निष्कर्ष
इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और इमिग्रेशन सिस्टम को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, इस कानून के लागू होने के बाद, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी निर्दोष व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
क्या यह बिल भारत के लिए फायदेमंद साबित होगा? अपनी राय कमेंट में बताएं!