भारत को स्क्वाड ग्रुप जॉइन करना चाहिए या नहीं?
परिचय
हाल ही में फिलीपींस के एक सैन्य अधिकारी ने भारत से अनुरोध किया कि वह स्क्वाड (SQUAD) ग्रुप में शामिल हो जाए। स्क्वाड को एक नया सुरक्षा गठबंधन माना जा रहा है, जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल हैं। यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच संबंधों में कुछ सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या भारत को स्क्वाड ग्रुप जॉइन करना चाहिए या नहीं? आइए इस पर गहराई से चर्चा करते हैं।
स्क्वाड ग्रुप क्या है?
स्क्वाड एक नया रणनीतिक सुरक्षा गठबंधन है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए बनाया गया है। यह मूल रूप से क्वाड (QUAD) का ही एक नया रूप है, लेकिन इसमें फिलीपींस को शामिल किया गया है और भारत को बाहर रखा गया है।
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क्वाड और स्क्वाड में क्या अंतर है?
बिंदुक्वाड (QUAD)स्क्वाड (SQUAD)सदस्य देशभारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलियाअमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींसमुख्य उद्देश्यइंडो-पैसिफिक में मुक्त और स्वतंत्र व्यापार मार्ग सुनिश्चित करनाचीन के खिलाफ अधिक आक्रामक रणनीति अपनानाभारत की स्थितिप्रमुख सदस्यबाहर रखा गया, लेकिन अब शामिल होने का अनुरोध किया गया
भारत को स्क्वाड क्यों जॉइन करने के लिए कहा जा रहा है?
फिलीपींस ने भारत से स्क्वाड में शामिल होने का अनुरोध किया क्योंकि:
चीन को लेकर साझा चिंताएँ – भारत और फिलीपींस दोनों को चीन से सुरक्षा संबंधी खतरे हैं।
भारत की सैन्य शक्ति – भारत एक मजबूत सैन्य शक्ति है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के खिलाफ एक प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है।
अमेरिका की अनिश्चित विदेश नीति – संभावित रूप से डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका की रक्षा नीतियों में बदलाव हो सकता है, जिससे फिलीपींस को भारत जैसे भरोसेमंद साझेदार की जरूरत महसूस हो रही है।
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क्या भारत को स्क्वाड जॉइन करना चाहिए?
भारत को स्क्वाड जॉइन करने के फायदे:
✅ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा भागीदारी मजबूत होगी – भारत को एक वैश्विक सैन्य गठबंधन में शामिल होने का मौका मिलेगा।
✅ चीन पर दबाव बढ़ेगा – भारत की भागीदारी से चीन को रणनीतिक तौर पर संतुलित किया जा सकता है।
✅ इंडो-पैसिफिक में भारत की उपस्थिति मजबूत होगी – भारत इस क्षेत्र में अपने प्रभाव को और मजबूत कर सकेगा।
भारत को स्क्वाड जॉइन नहीं करने के कारण:
❌ चीन के साथ संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव – हाल ही में भारत ने चीन को लेकर सकारात्मक बयान दिए हैं, ऐसे में स्क्वाड में शामिल होने से यह रिश्ता प्रभावित हो सकता है।
❌ भारत की स्वतंत्र विदेश नीति – भारत हमेशा से अपनी कूटनीति को संतुलित रखता है और किसी भी सैन्य गठबंधन में बिना सोचे-समझे शामिल नहीं होता।
❌ अमेरिका की अस्थिर नीति – अगर अमेरिका अपनी नीतियों में बदलाव करता है, तो स्क्वाड का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है।
निष्कर्ष
भारत को स्क्वाड जॉइन करना चाहिए या नहीं, यह पूरी तरह से उसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय हितों पर निर्भर करेगा। फिलहाल, भारत के लिए क्वाड ही अधिक महत्वपूर्ण है और स्क्वाड में शामिल होने से चीन के साथ संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
आपका क्या विचार है?
क्या आपको लगता है कि भारत को स्क्वाड जॉइन करना चाहिए? अपने विचार नीचे कमेंट में साझा करें!