प्रयागराज महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़, कई श्रद्धालु हताहत
महाकुंभ 2025 में बड़ी दुर्घटना, प्रशासन अलर्ट पर
प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर संगम तट पर स्नान करते समय भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और कई घायल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त किया है और प्रशासन को आवश्यक सहायता देने का निर्देश दिया है।
क्या है महाकुंभ मेला और इसकी महत्ता?
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित होता है। यह गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम स्थल पर श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान करने का अवसर प्रदान करता है। मान्यता है कि इस स्नान से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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मौनी अमावस्या 2025: सबसे बड़ा स्नान पर्व
मौनी अमावस्या को महाकुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान करने के लिए प्रयागराज पहुंचे थे। प्रशासन के अनुसार, अब तक 148 मिलियन से अधिक लोग इस महाकुंभ में भाग ले चुके हैं।
भगदड़ कैसे हुई?
रिपोर्ट्स के अनुसार, मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दौरान जब लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए उमड़े, तो भीड़ नियंत्रण में असफल रही। इसके परिणामस्वरूप संगम तट पर धक्का-मुक्की और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
घटना के बाद प्रशासन की प्रतिक्रिया
सरकारी कदम:
✔ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
✔ प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।
✔ घायलों के इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में विशेष प्रबंध किए गए हैं।
सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
घटना के बाद, प्रशासन ने निम्नलिखित सुरक्षा उपाय किए हैं:
✔ भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग बढ़ाई गई।
✔ सुरक्षा बलों की संख्या में वृद्धि की गई।
✔ CCTV कैमरों से निगरानी तेज की गई।
✔ आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत किया गया।
महाकुंभ 2025 के लिए प्रशासन की एडवाइजरी
✔ श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
✔ भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
✔ स्नान के लिए वैकल्पिक घाटों का उपयोग करें।
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निष्कर्ष
महाकुंभ मेला 2025 में हुए इस दुखद हादसे ने भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। श्रद्धालुओं को भी सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने की जरूरत है।
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