RBI ने Repo Rate घटाया, लेकिन EMI क्यों नहीं घटी पूरी जानकारी

 

RBI ने Repo Rate घटाया, लेकिन EMI क्यों नहीं घटी? पूरी जानकारी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने हाल ही में रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया है। आमतौर पर, जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों पर लोन सस्ता होना चाहिए और आपकी EMI कम होनी चाहिए। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

RBI Repo Rate Cut


समस्या क्या है?

हाल ही में UCO Bank और कुछ अन्य बैंकों ने अपने लोन के ब्याज दर (MCLR) में 0.05% की बढ़ोतरी कर दी, जबकि रेपो रेट में कटौती हुई थी। सवाल यह उठता है कि आखिर बैंकों ने ब्याज दरें क्यों नहीं घटाईं? आइए इसे समझते हैं।



Repo Rate घटने पर EMI क्यों नहीं घटी?

1. बैंकों की फंडिंग का स्रोत (Source of Funds) अलग होता है

  • बैंक अपनी लोन देने के लिए पैसे कहां से लाते हैं?
  • RBI से उधार लेकर (Repo Rate पर) → यह बहुत कम मात्रा में होता है।
  • डिपॉजिट से (Fixed Deposit, Savings) → यह बैंक के लिए मुख्य स्रोत होता है।
  • बैंक जब ग्राहकों से फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर 7% ब्याज देता है, तो वे लोन पर ब्याज दर को भी उसी हिसाब से तय करते हैं।

2. लिक्विडिटी की समस्या (Liquidity Crunch)

  • अभी इकोनॉमी में पैसे की कमी है, जिससे बैंक ज्यादा डिपॉजिट जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
  • इसके लिए बैंक ज्यादा ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं ताकि ग्राहक अपना पैसा बैंक में जमा करें।
  • Aजब बैंक डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज देगा, तो लोन पर भी कम ब्याज देना मुश्किल होगा।

3. RBI का हस्तक्षेप (Liquidity Control by RBI)

  • RBI ने पिछले कुछ वर्षों में बॉन्ड बेचकर और डॉलर खरीदकर इकोनॉमी से पैसा कम किया था ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
  • अब RBI धीरे-धीरे लिक्विडिटी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जिससे आगे चलकर लोन सस्ते हो सकते हैं।


क्या EMI भविष्य में कम हो सकती है?

हां, अगर ये तीन शर्तें पूरी होती हैं:
✅ RBI लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए और ज्यादा बॉन्ड खरीदे
✅ बैंक अपने डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटाएं
✅ महंगाई काबू में रहे और RBI आगे भी रेपो रेट में कटौती करे

अगर आने वाले महीनों में ये चीजें होती हैं, तो लोन सस्ता होगा और EMI घटेगी।

निष्कर्ष (Conclusion)

रेपो रेट घटने का सीधा असर EMI पर तभी होता है जब बैंक इसे पास ऑन करें। अभी बैंकों के लिए फंडिंग कॉस्ट ज्यादा होने के कारण वे ब्याज दर नहीं घटा रहे। हालांकि, अगर लिक्विडिटी सुधरती है और RBI आगे और कटौती करता है, तो EMI कम होने की उम्मीद की जा सकती है।

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