लंदन से न्यूयॉर्क गोल्ड शिपमेंट: क्यों अमेरिका में गोल्ड का भंडारण बढ़ रहा है

 

लंदन से न्यूयॉर्क गोल्ड शिपमेंट: क्यों अमेरिका में गोल्ड का भंडारण बढ़ रहा है?

भूमिका

हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है कि अमेरिका के बड़े बैंक, जैसे जेपी मॉर्गन और HSBC, लंदन से अरबों डॉलर मूल्य का गोल्ड न्यूयॉर्क भेज रहे हैं। यह खबर तब आई जब गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं और लंदन में गोल्ड की कमी की खबरें भी सामने आ रही हैं।

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि गोल्ड शिपमेंट क्यों हो रहा है, इसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक बाजारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, और भारत के लिए इसके क्या मायने हैं।

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गोल्ड प्राइस में भारी अंतर: न्यूयॉर्क बनाम लंदन

न्यूयॉर्क और लंदन के गोल्ड प्राइस में $20 प्रति आउंस का अंतर देखने को मिल रहा है। आमतौर पर विभिन्न बाजारों में गोल्ड की कीमतों में थोड़ा बहुत अंतर होता है, लेकिन इस बार यह अंतर इतिहास में सबसे ज्यादा बताया जा रहा है।

🔹 लंदन में गोल्ड सस्ता है और इसका फायदा उठाकर अमेरिकी बैंक इसे बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं और न्यूयॉर्क भेज रहे हैं।
🔹 न्यूयॉर्क में गोल्ड महंगा होने के कारण यह बैंक वहां अधिक लाभ कमा सकते हैं।



गोल्ड शिपमेंट के पीछे की असली वजह क्या है?

1️⃣ फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स और बैंकों का जोखिम

अमेरिकी बैंकों ने पहले ही न्यूयॉर्क में गोल्ड फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स बेचे थे, जिसका मतलब यह था कि उन्हें तय तिथि पर निश्चित कीमत पर गोल्ड डिलीवर करना था।
👉 जब गोल्ड की कीमत अचानक बढ़ गई, तो इन बैंकों को घाटा होने का खतरा हो गया।
👉 इस नुकसान से बचने के लिए वे लंदन से सस्ता गोल्ड खरीदकर न्यूयॉर्क भेज रहे हैं।

2️⃣ डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
🔸 इससे अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ रही है, जिससे गोल्ड एक सेफ हेवन एसेट बन गया है।
🔸 जब भी इन्फ्लेशन बढ़ता है, गोल्ड की मांग बढ़ती है।

3️⃣ अमेरिका में गोल्ड इन्वेंट्री का बढ़ना

पिछले कुछ महीनों में अमेरिका के अंदर गोल्ड इन्वेंट्री में भारी इजाफा हुआ है।
5 नवंबर 2024 को: अमेरिका में गोल्ड इन्वेंट्री लगभग $50 बिलियन थी।
मार्च 2025 में: यह बढ़कर $106 बिलियन हो गई है।

लंदन में गोल्ड शॉर्टेज की समस्या

🔹 लंदन में दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड वॉल्ट (Bank of England आदि) मौजूद हैं, जहां सरकारें और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अपना गोल्ड जमा करते हैं।
🔹 अचानक बढ़ती डिमांड के कारण लंदन में गोल्ड की कमी हो रही है।
🔹 पहले जहां 2-3 दिनों में गोल्ड शिपमेंट पूरा हो जाता था, अब इसमें 8 हफ्ते तक लग रहे हैं।



भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा?

1️⃣ भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है, और यदि अमेरिका में गोल्ड की मांग बढ़ी तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें और बढ़ सकती हैं।
2️⃣ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पहले ही गोल्ड रिजर्व बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है, ताकि इंपोर्ट डिपेंडेंसी कम हो।
3️⃣ अगर अमेरिका में इन्फ्लेशन बढ़ता है, तो इसका असर ग्लोबल इकॉनमी और भारत पर भी होगा।

क्या अमेरिका में और कमोडिटीज महंगी होंगी?

गोल्ड के साथ-साथ अमेरिका में अन्य मेटल्स की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं।
🔹 कॉपर फ्यूचर प्राइसेस बढ़ रहे हैं।
🔹 स्टील और एल्यूमिनियम की कीमतें भी इन्फ्लेशन के कारण बढ़ सकती हैं।
🔹 डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण अमेरिका में महंगाई और भी बढ़ सकती है।

निष्कर्ष: गोल्ड की उड़ान से क्या संकेत मिलते हैं?

न्यूयॉर्क और लंदन के गोल्ड प्राइस में भारी अंतर बैंकों को गोल्ड शिफ्ट करने पर मजबूर कर रहा है।
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स की वजह से जेपी मॉर्गन और HSBC जैसे बैंक लंदन से गोल्ड इंपोर्ट कर रहे हैं।
अमेरिका में इन्फ्लेशन बढ़ने की आशंका है, जिसका असर पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
भारत को इससे सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि यह गोल्ड इंपोर्ट की कीमतें प्रभावित कर सकता है।

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