भारत-अमेरिका व्यापार विवाद: डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी और जीटीआरआई की रिपोर्ट का विश्लेषण

 

भारत-अमेरिका व्यापार विवाद: डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी और जीटीआरआई की रिपोर्ट का विश्लेषण

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध हाल ही में चर्चा का विषय बने हुए हैं, खासकर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए हालिया बयानों के बाद। ट्रंप ने भारत पर व्यापार में अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। इसी बीच, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक नई रिपोर्ट ने भारत को सलाह दी है कि उसे अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे चीन और कनाडा कर रहे हैं।

Donald Trump India statement


डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर टिप्पणी

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में कहा, "Somebody is finally exposing them for what they have done." यानी, "आखिरकार कोई उन्हें बेनकाब कर रहा है कि उन्होंने क्या किया है।"

यह बयान अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों को लेकर दिया गया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि ट्रंप भारत को गलत तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप का दावा है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाता है और अमेरिका को व्यापार घाटा सहना पड़ रहा है।



GTRI रिपोर्ट: भारत को क्या करना चाहिए?

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका जानबूझकर भारत पर व्यापार समझौतों में दबाव बना रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की मांग है कि भारत अपने कृषि बाजार को पूरी तरह से खोल दे, जिससे भारतीय किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:

  1. भारत को अमेरिका के दबाव में नहीं आना चाहिए – चीन और कनाडा की तरह भारत को भी अमेरिका की व्यापार नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना चाहिए।
  2. अमेरिकी प्रशासन भारत के खिलाफ गलत डेटा प्रस्तुत कर रहा है – रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका बार-बार गलत आंकड़ों का उपयोग कर भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
  3. भारत को सेंसिटिव सेक्टर्स में टैरिफ कम नहीं करना चाहिए – खासतौर पर कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर को अमेरिका के दबाव में नहीं आना चाहिए, क्योंकि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।

भारत-अमेरिका व्यापार में असली आंकड़े क्या कहते हैं?

डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि अमेरिका और भारत के बीच $100 बिलियन का व्यापार घाटा है, लेकिन हकीकत में यह आंकड़ा $45 बिलियन का ही है।

  • हार्ले डेविडसन पर 100% टैरिफ का दावा भी गलत है – पहले भारत इस पर 50% टैरिफ लगाता था, जिसे अब घटाकर 30% कर दिया गया है।
  • अमेरिका खुद भारतीय उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाता है – उदाहरण के लिए, अमेरिका भारतीय तंबाकू उत्पादों पर 350% टैक्स लगाता है, जबकि भारत ने कभी इतना ऊंचा टैरिफ नहीं लगाया।

ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति: भरोसेमंद नहीं?

ट्रंप प्रशासन की नीति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। उदाहरण के लिए, जब ट्रंप ने 2016 में राष्ट्रपति पद संभाला था, तब उन्होंने US-Mexico-Canada Agreement (USMCA) पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अब उन्होंने खुद ही उस समझौते को खारिज कर दिया है। इससे यह साफ हो जाता है कि ट्रंप की व्यापार नीतियों पर भरोसा करना मुश्किल है।



भारत को आगे क्या करना चाहिए?

GTRI रिपोर्ट के अनुसार, भारत को अपनी व्यापार नीति को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

संभावित रणनीतियां:

Reciprocal Tariff Agreement – भारत को अमेरिका से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अगर वह किसी सेक्टर में टैरिफ कम करे, तो अमेरिका भी उसी सेक्टर में समान रूप से टैरिफ घटाए।
संवेदनशील सेक्टरों को सुरक्षित रखना – कृषि, ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टरों को अमेरिका के दबाव में आकर पूरी तरह नहीं खोलना चाहिए।
गलत डेटा का जवाब देना – भारत सरकार और व्यापार संगठनों को अमेरिकी प्रशासन द्वारा दिए गए गलत आंकड़ों को खुलकर खंडन करना चाहिए।

निष्कर्ष

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध जटिल होते जा रहे हैं, खासतौर पर डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में। ट्रंप प्रशासन भारत पर व्यापारिक दबाव बना रहा है, लेकिन GTRI रिपोर्ट भारत को सतर्क रहने की सलाह देती है।

भारत को एक संतुलित नीति अपनानी होगी, जिसमें वह अपने महत्वपूर्ण सेक्टरों को सुरक्षित रखते हुए अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाए रखे।

आपकी राय क्या है?

क्या भारत को अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना चाहिए या वर्तमान रणनीति सही है? अपने विचार नीचे कमेंट करें!

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