भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज: पंबन ब्रिज
भारत ने रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक और बड़ी छलांग लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ने वाले पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया। यह ब्रिज सिर्फ एक इंजीनियरिंग चमत्कार ही नहीं है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और रणनीतिक महत्ता का भी प्रतीक है।
पंबन ब्रिज क्या है?
पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज है जो रामेश्वरम द्वीप को मैनलैंड इंडिया से जोड़ता है। यह पुल 2.07 किलोमीटर लंबा है और इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है ताकि समुद्री जहाज़ इसके नीचे से गुजर सकें। इस पुल के शुरू होने से रेल सेवा फिर से शुरू हो गई है और श्रद्धालुओं व पर्यटकों को रामेश्वरम पहुंचने में बड़ी सुविधा मिलेगी।
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पंबन ब्रिज की प्रमुख विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
लंबाई | 2.07 किलोमीटर |
ऊँचाई | 17 मीटर तक उठने की क्षमता |
प्रकार | वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज |
स्थान | पंबन द्वीप, तमिलनाडु |
सेवा प्रारंभ | 6 अप्रैल 2025 से |
पुल का धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व
- धार्मिक: रामेश्वरम भारत के चार धामों में शामिल है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। लाखों श्रद्धालु हर वर्ष यहाँ दर्शन करने आते हैं।
- आर्थिक: यह ब्रिज पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय व्यापार, होटल, परिवहन आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- रणनीतिक: यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह श्रीलंका के बेहद करीब है।
1964 की त्रासदी और इतिहास
1964 में आये भीषण चक्रवात में पुराना पंबन ब्रिज और रामेश्वरम एक्सप्रेस बह गए थे, जिससे यह क्षेत्र रेलवे सेवा से कट गया था। अब यह नया ब्रिज आधुनिक तकनीक से तैयार किया गया है, जो पूरी तरह स्वदेशी है। यह भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का शानदार उदाहरण है।
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इंजीनियरिंग चमत्कार
इस ब्रिज को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह समुद्र की लहरों और तूफानों का सामना कर सके। इसकी संरचना मजबूत स्टील और अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है। लिफ्ट तकनीक से यह पुल ऊपर उठ सकता है, जिससे समुद्री यातायात में कोई बाधा नहीं आती।
क्या आप जानते हैं?
रामेश्वरम भारत का एकमात्र स्थान है जो चार धाम और 12 ज्योतिर्लिंग दोनों में शामिल है। इसके अलावा, यही वह जगह है जहां से राम सेतु की शुरुआत होती है, जिसे भगवान राम ने श्री लंका जाने के लिए बनाया था।
निष्कर्ष
भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज सिर्फ एक पुल नहीं है, यह आस्था, तकनीक और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है। यह ब्रिज देश की इंजीनियरिंग क्षमता, धार्मिक आस्था और रणनीतिक सोच का अद्भुत संगम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन इस बात को दर्शाता है कि भारत भविष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, साथ ही अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी संजो रहा है।