डोनाल्ड ट्रंप का 125% टैरिफ प्लान: चीन को झटका, भारत को राहत
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने एलान किया कि अगर वे राष्ट्रपति बने, तो वे चीन से आयातित उत्पादों पर 60% से 125% तक टैरिफ लगा देंगे। उनका मानना है कि इससे अमेरिका में स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और चीन पर निर्भरता कम होगी। हालांकि, इस कदम के दूरगामी प्रभाव केवल अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं होंगे—भारत जैसे विकासशील देशों पर भी इसका असर होगा।
चीन के लिए क्यों चिंता की बात है?
- चीन दुनिया की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग हब है। अमेरिका में टैरिफ बढ़ने से चीनी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा घटेगी।
- इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, स्टील और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में चीनी निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा।
- अगर टैरिफ 125% तक बढ़ा, तो अमेरिकी कंपनियां चीन की जगह भारत, वियतनाम और मैक्सिको जैसे देशों की ओर रुख करेंगी।
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भारत के लिए यह मौका क्यों है?
1. Make in India और PLI जो स्कीम है उसको को बढ़ावा
भारत सरकार पहले ही उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) स्कीम के जरिए वैश्विक कंपनियों को भारत में निर्माण के लिए आमंत्रित कर रही है। Apple, Samsung, और Tesla जैसी कंपनियों ने पहले ही भारत में उत्पादन शुरू किया है। अगर चीन पर और दबाव बढ़ता है, तो भारत के पास इन कंपनियों के लिए एक आदर्श विकल्प बनने का अवसर है।
2. भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंध और गहरे हो सकते हैं
भारत और अमेरिका के बीच पहले ही डिफेंस, टेक्नोलॉजी, चिप मैन्युफैक्चरिंग और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है। डोनाल्ड ट्रंप की "America First" नीति के तहत भी भारत को प्राथमिकता मिल सकती है क्योंकि वह चीन का सीधा प्रतिद्वंद्वी है।
3. FDI और निर्यात के नए अवसर
भारत अमेरिकी बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, फार्मा जैसे क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है। यह न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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क्या यह सिर्फ चुनावी स्टंट है?
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप का यह बयान एक राजनीतिक हथियार हो सकता है। 2020 के चुनावों में भी उन्होंने चीन विरोधी अभियान चलाया था। हालांकि, अगर वे फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो टैरिफ लागू करना पूरी तरह संभव है, क्योंकि पहले कार्यकाल में भी उन्होंने ऐसा किया था।
चीन की संभावित प्रतिक्रिया
- चीन जवाबी टैरिफ लागू कर सकता है जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर और बढ़ सकता है।
- चीन WTO में अमेरिका के खिलाफ केस कर सकता है।
- ताइवान, साउथ चाइना सी जैसे मुद्दों पर राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का 125% टैरिफ प्लान केवल चीन के लिए नहीं बल्कि पूरे वैश्विक ट्रेड सिस्टम के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है। लेकिन भारत के लिए यह एक रणनीतिक अवसर बन सकता है। यदि भारत अपनी नीतियों को तेज़ी से लागू करता है, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करता है, और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करता है, तो वह चीन+1 मॉडल में "+1" बनने की दौड़ में आगे निकल सकता है।
📌 आपका क्या मत है?
क्या भारत इस मौके का सही फायदा उठा पाएगा? क्या यह टैरिफ वाकई लागू होगा? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर साझा करें।