नया आधार ऐप 2025: फेस ऑथेंटिकेशन से बदलेगा डिजिटल वेरिफिकेशन

नया आधार ऐप 2025: फेस ऑथेंटिकेशन से बदलेगा डिजिटल वेरिफिकेशन

भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को एक नई दिशा देने के लिए UIDAI ने 2025 में नया आधार ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप न केवल सुविधाजनक है, बल्कि पूरी तरह से पेपरलेस, सिक्योर और एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसका सबसे बड़ा फीचर है फेस ऑथेंटिकेशन, जिससे आधार वेरिफिकेशन अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज हो जाएगा।

Aadhaar App 2025


कैसे काम करता है फेस ऑथेंटिकेशन?

नए आधार ऐप में यूज़र को केवल अपना चेहरा कैमरे के सामने दिखाना होता है, और कुछ ही सेकंड में सिस्टम आपकी पहचान वेरिफाई कर देता है। इससे ना तो OTP की जरूरत पड़ती है, ना ही फिजिकल दस्तावेज़ की। यह तकनीक AI-बेस्ड फेस रिकग्निशन का उपयोग करती है जो UIDAI के डेटा से मैच करती है।



UPI की तरह QR कोड से आधार वेरिफिकेशन

अब आप होटल, एयरपोर्ट, बैंक, या सरकारी दफ्तर में QR कोड स्कैन करके अपना आधार वेरिफिकेशन करवा सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे UPI से पेमेंट करते हैं। इससे यूज़र का डेटा सिक्योर भी रहता है और प्रक्रिया बेहद तेज हो जाती है।

डेटा सिक्योरिटी है प्राथमिकता

  • यूज़र का डेटा पूरी तरह से Encrypted होता है।
  • आप तय करते हैं कि कौन आपकी जानकारी देख सकता है।
  • Masked Aadhaar की सुविधा से सिर्फ अंतिम 4 डिजिट दिखती हैं।
  • हर ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री भी ऐप में सेव होती है।

KYC और सरकारी सेवाओं में आसान उपयोग

अब बैंकों में KYC के लिए आपको दस्तावेज़ ले जाने की जरूरत नहीं होगी। फेस ऑथेंटिकेशन से ही KYC वेरिफिकेशन पूरा हो जाएगा। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, वोटर ID जैसी सेवाओं में भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ेगा।



फेक आधार कार्ड की समस्या होगी खत्म

आजकल इंटरनेट पर फेक आधार और पैन कार्ड बनाने के कई मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन नए ऐप से ये फर्जीवाड़ा काफी हद तक रुक जाएगा, क्योंकि अब सिर्फ फोटो देखकर नहीं, बल्कि UIDAI के डेटाबेस से चेहरा मैच करके ही वेरिफिकेशन होगा।

बीटा टेस्टिंग शुरू, जल्द होगा लॉन्च

यह ऐप फिलहाल बीटा फेज़ में है और दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे शहरों में टेस्ट किया जा रहा है। यूज़र्स इसे जल्दी ही Google Play Store और Apple App Store से डाउनलोड कर सकेंगे।

निष्कर्ष

UIDAI का यह नया आधार ऐप भारत की डिजिटल दुनिया में एक Gamechanger साबित हो सकता है। जैसे UPI ने पेमेंट को आसान बनाया, वैसे ही यह ऐप पहचान और वेरिफिकेशन को पूरी तरह से बदल देगा। यह न केवल सुविधाजनक है, बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद भी है।

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